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नव वर्ष की शुभकामना

खेतो की मेड पर उषा की पहली किरण का,
स्वागत करते किसान को।
लहलहाती हुयी फसले और खेत खलिहान को।
चारागाह से लौटते हुए पाशुओ के झुण्ड को।
नव वर्ष की शुभकामना।

उगता हुआ सूरज और ढलती हुयी शाम को
टिमटिमाते हुए  तारे और जुगनू की चमक को।
भौरों की गुंजन और खिलता हुआ गुलाब को।
नव वर्ष की शुभ कामना।

दादी माँ की किस्से और बच्चो की शोर को।
सीमा पर खड़े जवान और भारत माँ के वीर पुत्र को।
रमणियों के श्रृंगार और पायल की झुनुक को।
नव वर्ष की शुभकामना ।

कोहरे की धूंध में लिपटा गॉव और समाज को।
ठंडी ठंडी हवा और पूरबा बयार को।
भाई बहन और सखी सहेली को।
मुझे चुन चुन कर wish करने वाले
दोस्तों और साथियो को
माँ और बाबूजी को
नव वर्ष की शुभकामना ।
मुकेश कुमार चौधरी 

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