किसको भुलु क्या याद करू,अपने रब से क्या फ़रियाद करू
कैसे लिखू कोरे कागज पे ,दिल का अपना पैगाम
जिसको चाहा जान से बढ़कर ,उसको कैसे कर दू बदनाम
क्यों परेशान करती है उसकी हर पल आने वाली यादें ,
तुम्ही बता दो कैसे भुलु संग जीने मरने के वादे !!
किस जन्मो की सजा मिली है,आज तक समझ न आया
काँटों की बात ही क्या ,मैंने तो फूलो से चोट है खाया
जिसने छीनी सारी खुशिया ,सुना किआ जिसने संसार ,
बावला दिल
फिर भी क्यूँ ,करता हर पल उस पगली का इंतजार !!
रंजन कुमार पंडित