Name - | Chandan Kumar Pandit |
Email - | ckpandit1985@gmail.com |
Address - | Navi Mumbai |
कवितायें 3
शायरी 1
एक दिन शाम में ,मै कही जा रहा था मन ही मन ,ठंडी मस्त हवाओं के संग कुछ गुनगुना रहा था देखा सामने से आ रहे थे कुछ लोग , भूखे..अधनंगे और काफी हताश..
मैंने जब से होश संभाला देखा एक दया और ममता की मूर्ति को जो खुद भूखे रहकर मुझे खिलाती थी भरपेट , जब मुझे लग जाती थी , छोटी सी चोट ...
चल बबुआ तोहके घुमा दिही गांव खेतवा ,बाधारवा ,पिपरवा के छाँव चल बबुआ...
चल बबुआ तोहके घुमा दिही गांव खेतवा ,बाधारवा ,पिपरवा के छाँव , चल बबुआ...
हम वीरों के वंशज है ,मिट्टी में तुम्हे मिला देंगे !
कर मत दू:साहस रे पाक ,वर्ना 71 की याद दिला देंगे !!
हम वीरों के वंशज है ,मिट्टी में तुम्हे मिला देंगे !
कर मत दू:साहस रे पाक ,वर्ना 71 की याद दिला देंगे !!