Name - | Ranjan Kumar Pandit |
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कहानियाँ 3
कवितायें 7
शायरी 17
बादल बरसे या न बरसे, नैना बरस ही जाता है, पता नहीं ये सावन क्यों, पतझड़ की याद दिलाता है ...
रात के करीब यही 10 बज रहे होंगे ,बड़ी बेसब्री से रोहन 12 बजने का इंतजार कर रहा था, कल था ही ऐसा कुछ खास !! 22 जून !! उसके best friend अनन्या का birthday
रात के यही कोई ११ बज रहे होंगे !! रोज की तरह अदिति डिनर के बाद अपनी fb account चेक कर रही थी !! तभी अचानक उसका मोबाइल vibrate होने लगता है..... इतनी रात को कॉल !! खैर नंबर तो जाना पहचाना लग रहा 8962XXXX !! अनमने मन से ओ कॉल रिसीव करती है हैल्लो कौन !!!
आज सुबह से भंडारा चल रहा है, रसगुल्ला, जलेबी क्या नहीं बनवा रखा है आकाश ने, कितना अच्छा प्रबंध कर रखा है---
किसको भुलु क्या याद करू,अपने रब से क्या फ़रियाद करू कैसे लिखू कोरे कागज पे ,दिल का अपना पैगाम जिसको चाहा जान से बढ़कर ,उसको कैसे कर दू बदनाम..
ओ बेवफा आज फिर मुझे रुला गई
.बैठा था तन्हा तभी उसकी याद आ गई
समझ नहीं आया क्या थी उस पगली की लाचारी...
या बेवफाई है उसकी पैदाइशी बिमारी...
मत आना मेरे जनाज़े में, तेरे फूलों की दरकार नहीं,
प्यार किया था मैंने, तुझ जैसा कोई व्यापार नहीं।
भरा पड़ा है खिलौने से पूरा बाजार,
जज्बातो से क्यू खेलती हो हर बार
चारो धाम कर ले कोई ,या करले हर तीज त्योहार
माँ ही अगर खुश नहीं तो सब कुछ है बेकार
ये दिल है ,कोई मिट्टी का खिलौना नहीं ,
की जी चाहा तो खेला फिर ठुकरा डाला
एक से अगर मन ऊब जाये तो अगले दिन
इक दूसरा खरीद कर ला डाला !!
आँखों में अश्क ,पर अधरों पे मुस्कान क्यूँ है !
उस पगली के लिए ,दिल इतना परेशान क्यूँ है !!
हम वक्त से हैं वाकिफ ,फिर भी इतने अनजान क्यूँ हैं !
बावले दिल को कौन समझाये ,आखिर ये इतना नादान क्यूँ है !!
आज वो फिर मुझे देखकर मुस्कुराया है
लगता है कोई काम निकल आया है !!
आने वाली हर नयी प्रभा ,दे खुशियों की सौगात
हर दिन आपका होली हो ,हो दिवाली हर रात !!
सफलता आपकी कदम चूमे ,न मिले जीवन में कभी निराशा
सफलता की आप दोस्त ,गढ़ दो एक नई परिभाषा !!
कल्पना चावला बन अंतरिक्ष जा सकती हैं बेटियाँ
इंदिरा बन शासन भी चला सकती हैं बेटियाँ
मत रोको उड़ने दो खुली फिजाओं में इन्हे
क्युकी साक्षी -सिन्धू बन पदक ला सकती हैं बेटियाँ !!
मजबूर नहीं करेंगे तुझे वादा निभाने के लिए
तू एक बार आ अपनी यादे वापस ले जाने के लिए
आज फिर से मुस्कराने का जी चाहता है
तेरी यादो में खो जाने का जी चाहता है ,
शायद तू सपनो में ही मिल जाये ,इसलिए
अब तो सदा के लिए सो जाने का जी चाहता है
कभी तो कोई इस दिल की बात समझेगा
आएगा समय जब कोई मेरे जज्बात समझेगा
पोछेगा कोई मेरे भी अश्क ,और सब हालात समझेगा
जो मेरे गम को गम और खुशी को अपनी कायनात समझेगा
इस अंधियारी रात में ,जुगनू के घर का कोई पता बता दे !!
ये खुदा मत ले इतने इम्तिहाँ ,अब तो मेरी खता बता दे !!
ये दोस्त मेरे एहसानों का कर्ज बस इतना चूका देना
मुझे याद करके आप थोड़ा सा मुस्कुरा देना !!
अपनी खुशियों के बदले ,उनके गम हर बार माँग लू
करे खुदा यदि सौदा, तो अपनी दोस्त की मुश्किलें उधार माँग लू
न तमन्ना मुझे किसी दौलत की ,न अपनी खुशियों की है दरकार
हे प्रभु कुछ देना चाहो ,तो देना हर जन्मो में मुझे ऐसा ही सच्चा यार
आज ओ फिर देखके मुस्कुराया है !
लगता है कोई फिर काम निकल आया है !!
इस अंधियारी रात में ,जुगनू के घर का कोई पता बता दे !
ये खुदा मत ले इतने इम्तिहाँ ,अब तो मेरी खता बता दे !!
कितना अजीब है न समय के साथ कुछ अजनबी दोस्त बन जाते हैं और कुछ दोस्त अजनबी
अगर जिंदगी में कभी कोई रास्ता न दिखे,किसी सवाल का जवाब समझ न आये तो अपने फैशले माँ पे छोड़ दो क्युकि माँ दुनिया की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं
अगर मेरी हार में मेरे दोस्त की जीत है तो मैं जिंदगी की हर बाजी हारना पसंद करूँगा !!
अक्सर जिंदगी में लोगो की अहमियत तब पता चलती है जब वो बहुत दूर जा चुके होते हैं !!!