ओ बेवफा आज फिर मुझे रुला गई
.बैठा था तन्हा तभी उसकी याद आ गई
समझ नहीं आया क्या थी उस पगली की लाचारी...
या बेवफाई है उसकी पैदाइशी बिमारी...
मत आना मेरे जनाज़े में, तेरे फूलों की दरकार नहीं,
प्यार किया था मैंने, तुझ जैसा कोई व्यापार नहीं।
आँखों में अश्क ,पर अधरों पे मुस्कान क्यूँ है !
उस पगली के लिए ,दिल इतना परेशान क्यूँ है !!
हम वक्त से हैं वाकिफ ,फिर भी इतने अनजान क्यूँ हैं !
बावले दिल को कौन समझाये ,आखिर ये इतना नादान क्यूँ है !!
आज वो फिर मुझे देखकर मुस्कुराया है
लगता है कोई काम निकल आया है !!
मजबूर नहीं करेंगे तुझे वादा निभाने के लिए
तू एक बार आ अपनी यादे वापस ले जाने के लिए
आज फिर से मुस्कराने का जी चाहता है
तेरी यादो में खो जाने का जी चाहता है ,
शायद तू सपनो में ही मिल जाये ,इसलिए
अब तो सदा के लिए सो जाने का जी चाहता है
इस अंधियारी रात में ,जुगनू के घर का कोई पता बता दे !!
ये खुदा मत ले इतने इम्तिहाँ ,अब तो मेरी खता बता दे !!
एक हाथ में दिल उनके एक हाथ में खंजर था
चेहरे पे दोस्त का मुखौटा अजीब सा मंजर था
अब जुदाई के सफ़र को मेरे आसान करो
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो
चंद चेहरे लगेंगे अपने से ,
खुद को पर बेक़रार मत करना ,
आख़िरश दिल्लगी लगी दिल पर?
हम न कहते थे प्यार मत करना…!!
हमने दुःख के महासिंधु से सुख का मोती बीना है,
और उदासी के पंजों से हँसने का सुख छीना है,
मान और सम्मान हमें ये याद दिलाते है पल पल,
भीतर भीतर मरना है पर बाहर बाहर जीना है..!!
वो जिसका तीरे छुपके से जिगर के पार होता है
वो कोई गैर क्या अपना ही रिश्तेदार होता है
किसी से अपने दिल की बात तू कहना ना भूले से
यहां खत भी जरा सी देर में अखबार होता है।
हमने दुःख के महासिंधु से सुख का मोती बीना है
और उदासी के पंजों से हँसने का सुख छीना है
मान और सम्मान हमें ये याद दिलाते है पल पल
भीतर भीतर मरना है पर बाहर बाहर जीना है।
मत आना मेरे जनाज़े में, तेरे फूलों की दरकार नहीं,
प्यार किया था मैंने, तुझ जैसा कोई व्यापार नहीं।
19-08-2023
ओ बेवफा आज फिर मुझे रुला गई
.बैठा था तन्हा तभी उसकी याद आ गई
समझ नहीं आया क्या थी उस पगली की लाचारी...
या बेवफाई है उसकी पैदाइशी बिमारी...
19-08-2023इस अंधियारी रात में ,जुगनू के घर का कोई पता बता दे !
ये खुदा मत ले इतने इम्तिहाँ ,अब तो मेरी खता बता दे !!
22-02-2018हम वीरों के वंशज है ,मिट्टी में तुम्हे मिला देंगे !
कर मत दू:साहस रे पाक ,वर्ना 71 की याद दिला देंगे !!
22-02-2018चारो धाम कर ले कोई ,या करले हर तीज त्योहार
माँ ही अगर खुश नहीं तो सब कुछ है बेकार